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Saturday, December 16, 2017

RUCHI SANGHVI - रुचि सांघवी

बात प्राचीन काल की हो या आधुनिक युग की जो जनता को भा गया वह छा गया। यही दुनिया की रीत है जो आज तक चल रही है और हमेशा चलेगी। जो लोकप्रिय हो जाता है उससे जुड़ा हर व्यक्ति, हर चीज भी लोकप्रिय हो जाती है। आज इंटरनेट की दुनिया में सबसे लोकप्रिय है फेसबुक और जिनका जिक्र आज हम करने जा रहे हैं वह है फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर रुचि सांघवी जिन्होंने 2005 में फेसबुक ज्वाइन किया।


पुणे में जन्मी रुचि और फेसबुक की सफलता ने जैसे साथ-साथ सफर तय किया। उस समय फेसबुक में मात्र छह-सात इंजीनियर एक छोटे से कॉलेज रूम जितनी कंपनी में बैठकर चाइनीस रेस्टोरेंट की तरह काम करते हुए एंजॉयमेंट के साथ काम कर रहे थे। इन इंजीनियर्स के मन में सफलता का विश्वास और कड़ी मेहनत का जुनून था जो इन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहता था।

रुचि ने फेसबुक यूजर्स को उनसे जुड़े लोगों के बारे में और सामाजिक जानकारियां देने के लिए न्यूज़ फ़ीड प्रोग्राम लॉन्च करने का प्रस्ताव मार्क जुकरबर्ग के सामने रखा जो संभवत उन्हें पसंद आया। काफी समय तक इस प्रोजेक्ट पर काम करने के बाद एक रात न्यूज़ फ़ीड को लांच कर दिया गया। अगली सुबह यूजर्स के जो कमेंट फेसबुक पर थे वह घृणा से भरे हुए थे। ज्यादातर यूजर्स को अपनी प्राइवेसी का हनन होता हुआ दिखा। लोगों ने इस का घोर विरोध किया। मजे की बात यह थी कि विरोध दर्ज करवाने के लिए भी फेसबुक न्यूज फीड का माध्‍यम प्रयोग किया गया था। इतने नकारात्मक समय में भी आशा की किरण दिखी कि फेसबुक यूजर्स अब पहले से दोगुने हो गए थे।

बस फिर क्या था रुचि सांघवी और उनके इंजीनियर साथियों ने न्यूज़ फ़ीड को जारी रखा। सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब इजिप्ट क्रांति को अधिकतम यूजर्स ने न्यूज फीड के जरिए अपना विरोध दर्ज करवाया। अब इंजीनियर्स को दस लाख न्यूज़ फीड प्रतिदिन फेसबुक पर पोस्‍ट करने होते थे। विरोध करते-करते लोग न्यूज़ फीड को पसंद करने लगे। न्यूज फीड विश्व का सबसे बड़ा वितरण इंजन बन चुका था। उद्यमी, व्यवसायी ग्राहकों द्वारा उनके उत्पाद को पसंद ना करने पर वस्तु का उत्पादन बंद करना उचित समझते हैं ऐसे समय में रुचि सांघवी द्वारा न्यूज़ फ़ीड के घोर विरोध के बावजूद उसे आगे बढ़ाना उन के अविलक्षण गुण निर्भयता को दर्शाता है।

मात्र 18 वर्ष की उम्र में यू एस में आकर रुचि ने बैचलर और मास्टर की डिग्री इलेक्ट्रिकल कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कार्नेगी मेलान यूनिवर्सिटी से ली। इसे पूरा करने के बाद में फेसबुक पर पहली महिला इंजीनियर के तौर पर उन्हें ब्रेकअप मिला।

2010 में माता पिता को किए गए वादे के अनुसार रुचि ने अपनी शादी के लिए वापस भारत का रुख किया। जिन लड़कों के बायोडेटा उन्हें मिले फेसबुकके माध्यम से काफी कुछ उनके बारे में जाना। तब रुचि के मन में एक नया आइडिया आ चुका था। शादी के बाद यूएस लौटने पर रुचि ने फेसबुक कनेक्टएक नया प्रोग्राम लॉन्च किया जिसे यूजर्स ने बहुत पसंद किया। 700 मिलियन यूजर्स के प्लेटफार्म पर पहुंचने के बाद फेसबुक को अलविदा कहने का निर्णय जब रुचि ने लिया तो यह उनके दोस्तों के लिए बड़ा हैरान करने वाला था। लेकिन रुचि ने अपने अंदर के जुनून और शौक में अब एक आंत्रप्रेन्योर बनने का परिवर्तन महसूस किया।


2012 में अपने पति आदित्य अग्रवाल और अपने दो कॉलेज मेटस के साथ मिलकर कोव कंपनी की शुरुआत की यह कंपनी प्राइवेट कंपनीस को न्यूज़ फ़ीड प्रोडक्ट्स प्रोवाइड करती थी। 2013 में ड्रॉप बॉक्स ने कोव को खरीदा और रुचि ने ड्रॉपबॉक्स के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशन का पद संभाला। आज रूचि ड्रॉप बॉक्स को एक सलाहकार के रूप में मार्गदर्शन दे रही हैं।

2012 में ‘इंजीनियरिंग लीडरशिप’ अवार्ड से सम्मानित एवं बीबीसी के द्वारा पांच शीर्ष ‘भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों’ में रुचि को दर्शाया जाना उनकी अथाह मेहनत और लगन का प्रत्यक्ष परिणाम है, जो युवा पीढ़ी खासकर महिला वर्ग को अत्यंत प्रेरणा देता है।

hindi.kenfolios.com/ruchi-sanghvi-first-female-engineer-hired-by-facebook/by Meghna Goel

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