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Monday, December 4, 2017

SALIL PAREKH - INFOSYS - सलिल एस पारेख

अपनी अभूतपूर्व दूरदर्शिता से इस IITian ने 2 लाख करोड़ की कंपनी के सर्वोच्च पद पर जमाया कब्जा

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने सलिल एस पारेख को अपना सीईओ और एमडी नियुक्त किया है। पिछले साढे तीन महीने से प्रवीण सिक्का के इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली था। 2 जनवरी 2018 को अगले 5 साल तक के लिए पारेख इस पद को संभालेंगे। इंफोसिस कंपनी की वर्तमान मार्केट वैल्यू करीब 2 लाख 31 हजार 9 सौ करोड़ है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी का अहम पदभार संभालने पर एकाएक सुर्खियों में आए सलिल एस पारेख के बारे में जानने के लिए लोगों के भीतर जिज्ञासा बढ़ गई। आइये जानते हैं कैसे पारेख की दूरदर्शिता और काबिलियत ने उन्हें इंफोसिस के सर्वोच्च पद पर बिठा दिया


1 मई 1965 को जन्मे सलिल पारेख ने आईआईटी मुंबई से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री लेने के बाद, न्यूयॉर्क की कार्नेल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। 53 साल के पारेख इस समय कैपजेमिनी जो एक इंटरनेशनल कंसल्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनी है, इसके बोर्ड मेंबर है। इससे पहले वह कंपनी में एप्लीकेशन सर्विस बिज़नेस यूनिट के सीईओ भी रहे। लगभग 8 साल तक अर्नेस्‍ट एंड यंग्स के कार्यक्रम से भी जुड़े रहे।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी सलिल जेपी मॉर्गन चेस, गोल्डमैन, मेरिल लिंच, जैसी इंटरनेशनल फाइनेंसियल कंपनीज के साथ काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं फिलिप्स, लाइफसाइंसेस, और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी दिग्गज कंपनियों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा बहुत सी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में भी अपनी सेवाएं दी है।


लगभग 25 साल के आईटी क्षेत्र के अनुभव के साथ इंफोसिस कंपनी के घरेलू आर्थिक, वैश्विक, मैटर्स को सुलझाने की क्षमता भी सलिल रखते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संस्था टैड एक्‍स के एक यूथ शो के दौरान सलिल पारेख की अभूतपूर्व दूरदर्शिता को आंका जा सकता है जिसमें उन्होंने भारत के युवाओं को बताया कि 2000 में वाय टू के बग के समाधान के रूप में भारत में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्रांति के युग ने जन्म लिया था जो आज तक चल रहा है। भविष्य में टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में अपार अवसर मिलने के बारे में उनका मानना है: 
इंटरनेटल वस्तुएं जिसमें सभी काम चिप से किए जा सकेंगे। 
बिग डाटा 2020 तक विश्व में 50 खरब GB डाटा इकट्ठा हो जाएगा, जिससे अविष्कारक ऐप्स बनाई जा सकेंगी, विश्लेषण किए जाएंगे। 
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा भविष्य में अपार प्रगति करने के मौके मिलेंगे। 
क्लाउड कंप्यूटर का संसार जहां डाटा को स्टोर कर सकते हैं जिसे एक सरवर द्वारा ऑर्गेनाइज करके भविष्य में कंप्यूटर यूसेज ऐप्स को हायर कर सकेंगे। 
सिक्योरिटी कंप्यूटर का प्रयोग बढ़ने के साथ-साथ सुरक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं आ रही है। 
हानिकारक उत्पादन जैसे ड्राइवरलेस वाहन, 3D गेमिंग इत्‍यादि का प्रयोग भी भविष्य में बढ़ेगा। 

पारेख के अनुसार तकनीक के विकास के साथ-साथ उसका व्यवसायिक ढांचे में उचित प्रयोग आपकी सफलता को निर्धारित करता है। भारत के युवाओं में वह बड़े पैमाने पर यह प्रतिभा देख पाते हैं। इसलिए उनका मानना है कि भारतीय युवाओं को अपनी प्रतिभा को सही दिशा में मोड़ने के लिए बदलती टेक्नोलॉजी को समझना और परखना बहुत जरूरी है क्‍योंकि आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं वहां तकनीक ने इतना विकास कर लिया है कि आई फोन 6 पचास साल पहले बने स्‍पेस शिप से 120 लाख गुना ज्‍यादा पावरफुल है।

बदलती टेक्नोलॉजी के साथ सलिल जितनी तेजी से अपने विचारों एवं स़ृजनात्‍मक सोच से आगे बढ़ रहे हैं उनकी जीवन शैली इसका सर्वश्रेष्‍ठ उदाहरण है।

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